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||श्री गणेशाय नम:|| |
विषय भगवान शिव से संबंधित है| जब भगवान शिव ने गणेश भगवान का शीश त्रिशूल से काट दिया ,तो वह चंद्रमा पर जा गिरा ,उसके बाद पार्वती की प्रार्थना पर भगवान शिव को गणेश भगवान को जिंदा करना पड़ा| शिव भोले भंडारी ने हाथी के सिर को गणेश के धड़ के साथ लगा ,उसमे प्राण फूंक दिए|
खुशी से सब झूमने लगे,परंतु मां पार्वती उदास मुद्रा में खड़ी रही |पार्वती को उदास देख भोले भंडारी समझ गए कि विचित्र बालक को देख माँ का हृदय दु:खी है, तब भोले भंडारी ने निम्न वरदान दिया "हे बालक! आज से यह संसार तुम्हे गणपति नाम से जानेगा| इस सृष्टि में किसी भी प्रकार की पूजा-अर्चना से पूर्व तुम्हारी पूजा होगी ,वरना कोई भी देवता भोग स्वीकार नहीं करेगा ,तुम्हारी पूजा के बगैर कोई भी जप-तप सफल नहीं होगा| भगवान शिव के वरदान के कारण सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा होती है|
प्रथम पूजनीय श्री गणेश जी को विनायक, विघ्नेश्वर, गणपति, लंबोदर के नाम से भी जाना जाता हैं।गणेश जी की पूजा-साधना के लिए कुछ मंत्र निम्न हैं,
भगवान गणेश जी के मंत्र (Lord Ganesh Mantra in Hindi)
=>किसी भी कार्य के प्रारंभ में गणेश जी को इस मंत्र से प्रसन्न करना चाहिए:
||श्री गणेश मंत्र ऊँ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।।
om vakratunra mahakaya surya koti samaprabha.
Nirvighnam kuru me deva, sarva karyesu sarvada
Meaning:
1: O Lord Ganesha, of Curved Trunk, Large Body, and with the Brilliance of a Million Suns,
2: Please Make All my Works Free of Obstacles, Always.
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=>गणेश जी को प्रसन्न करने का एक मंत्र निम्न भी है:
ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।
Om ekadantaya vihe vakratundsya dhimahi tanno dantih pracodayat
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Ganesh Mantra for Success in Study:
=>निम्न मंत्र का जाप करने से गणेश जी बुद्धि प्रदान करते हैं:
|| श्री गणेश बीज मंत्र ऊँ गं गणपतये नमः ।।
Is mantra ka jaap krne se ganesh ji budhhi prdan krte hain.
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Source:Dharm Raftaar
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