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पुनर्जन्म: सच या झूठ |
हिन्दू मान्यताओ के अनुसार व्यक्ति जब शारीर छोड़ता है,तो उसकी आत्मा शारीर छोड़ देती है,जो स्वर्ग-नर्क का भोग अपने कर्मो के अनुसार करती है|अनेक पवित्र ग्रंथो के अनुसार व्यक्ति अंतिम समय जिस सोच मे रहता है,वह उसी को प्राप्त होता है |
हिंदू मान्यता के अनुसार आत्मा बार-बार जन्म लेती है |84 लाख योनि में आत्माओं विभिन्न योनिया प्राप्त करती हुई जन्म-मरण के चक्कर में रहती है |अनेक बार कर्मो के फलानुसार मनुष्य की आत्मा फिर से मानव जन्म लेती है, इसे ही पुनर्जन्म कहते है|
अनेक धर्मो में मनुष्य योनि प्राप्ति की का प्रयोजन ईश्वर की शक्ति द्वारा व सद्कर्मों द्वारा मोक्ष प्राप्त करते इस जीवन-मरण के आगमन से मुक्ति माना गया है|
विज्ञान मानता है पुनर्जन्म सच है ! : SCIENCE ACCEPTS REBIRTH !
काफी जद्दो-जिहाद के बाद अब वैज्ञानिक इसे भी स्वीकारने लगे है .भारतीय दर्शन इसे हमेशा से स्वीकार करता आया है अब पश्चिम ने इसे स्वीकारना शुरु कर दिया है| डॉक्टर इवान स्टेवेंसन ने भारत से लेकर पश्चिम में कई अनुसंधान किये और पाया की प्रायः बच्चों को अपने पूर्वजन्म की हल्की याददाश्त होती है ,जिसे माता पिता बच्चों की बकवास समझ कर ध्यान नही देते|
भारत में पुनर्जन्म का बेहद मशहूर केस 60 के दशक में आया था जब 3 साल की बाच्ची (जो की कुछ समय पहले तक1 प्रतिस्थित कालेज़ में प्रोफेसर थी ), ने अपने पूर्वजन्म को और सम्बन्धिओं ना सिर्फ पहचान लिया बल्कि बेहद अंतरंग बातें जो उसे उसके पूर्वजन्म के पति को पता थी यह भी बताई ,10 वर्ष की उम्र उन्हे अपने 1 और जन्म की याददाश्त आ गयी इन सभी घटनाओं को जाँचा परखा गया और सही पाया गया|
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