Wednesday, October 26, 2016

#4. शुभ कार्यो मे महूर्त का महत्व क्यों?{How important Mahurt(auspicious moment) in any task or rituals and Why??}


मुहूर्त : शुभ या अशुभ



हम अकसर देखते है कि अनेक लोग दैनिक दिनचर्या की शुरुआत हो या यात्रा पर जाना हो, विवाह का अवसर हो या  गृह प्रवेश सभी के लिए शुभ घड़ी, मुहूर्त और चौघडिया देखकर कार्य प्रारंभ करते हैं। यों तो विचारपूर्वक शुभ कार्य  के लिए हर समय शुभ होता है ।

                     
 बुद्धिमान न मुहूर्त निकालते है, न साथ ढूंढते हैं। वस्तुत: हर समय ईश्वर ने बनाया है और ईश्वर का बनाया हर समय श्रेष्ठ है| अशुभ तो मनुष्य का संशय है। परोपकारी कार्य को जितना जल्दी किया जाए, " वही शुभ है"। 
देर तो उनमें करनी चाहिए जो अशुभ है, जिन्हें करते हुए अंत:करण में भय, संकोच का संचार होता है। ऐसे दुष्ट कार्य किसी भी समय किए जाए, वे दुख ही देगे,चाहे जितने  मुहूर्त देख लो। 


मुहूर्त संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य | Important Factors related to Muhurat

source:astrobix

किसी भी कार्य को करने हेतु एक अच्छे समय की आवश्यकता होती है.जिस कार्य के लिए जो समय निर्धारित किया गया है यदि उस समय पर उक्त कार्य किया जाए तो मुहूर्त्त के अनुरूप कार्य सफलता को प्राप्त करता है|
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मुहूर्त को भारतीय ज्योतिष में किसी कार्य विशेष को प्रारंभ एवं संपादित करने हेतु एक निर्दिष्ट शुभ समय कहा गया है. ज्योतिष के अनुसार शुभ मुहूर्त में कार्य प्रारंभ करने से कार्य बिना किसी रुकावट के और शीघ्र संपन्न होता है. 
चाहे प्रश्न शास्त्र हो या जन्म कुण्डली दोनों ही मुहूर्त्त पर आधारित हैं. मुहूर्त पंचांग के पांच अंगों अर्थात तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण द्वारा निर्मित होता है. पंचाग गणना के आधार पर शुभ और अशुभ मुहूर्तों का निर्धारण किया जाता है. मुहूर्त्त को प्रत्येक कार्य के अनुसार भिन्न भिन्न रुप में लिया जाता है.

अत: यह कहा जा सकता है कि  "बड़े कार्यो में भले हीं मुहूर्त देखा जाए, परन्तु हर छोटे-बड़े  कार्यों को करने के पूर्व मुहूर्त पर निर्भरता आवश्यक नहीं है। "

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