रात को झाडू लगाना अपशकुन क्यों?
यो तो इस प्रश्न को कोरा अंधविश्वास मानकर खारिज किया जा सकता है, परन्तु यदि
आप मानना ही चाहे, तो इसके पक्ष में दलील ही जा सकती है कि साफ-सफाई के लिए प्रात; काल का समय निर्धारित है,
क्योंकि सुबह सफाई करने से शरीर पर पड़ी गन्दगी नहा-धोकर उतार ली जाती है परंतु रात को झाड़ू से उठी धुल शरीर में प्रवेश कर जाती है इसी कारण रात लगाना रोगो को आमंत्रित करने के बराबर माना जाता है' इसी कारण इसे अपशकुन माना जाता है|
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झाड़ू को हिन्दू धर्म में लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि संध्याकाल और रात में झाड़ू लगाने से लक्ष्मी चली जाती है और व्यक्ति के बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। झाड़ू को खड़ा करके रखने पर घर में कलह होती है।
प्राचीनकाल में रात को रोशनी आदि पर्याप्त न होने से नाख़ून काटते वक्त माँस कट जाता था, और रात को
झाडू भी नहीं लगती, इसलिए लोग नाखून सुबह या दिन के वक्त ही काटते थे और यही प्रथा बन गई।
कुछ लोग यह भी कहते हैं की रात को नाख़ून काटने से लक्ष्मी चली जाती हैं तथा दरिद्रता आती हैं
कुछ लोग यह भी कहते हैं की रात को नाख़ून काटने से लक्ष्मी चली जाती हैं तथा दरिद्रता आती हैं
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